शीतलहर को देखते हुए औरंगाबाद जिले में 1 से 5 तक के सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूल बंद|
अब खबर विस्तार से :-
औरंगाबाद जिले में हाल ही में अत्यधिक शीतलहर और कड़ाके की ठंड के कारण जिला प्रशासन ने कक्षा 1 से 5 तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 1 से 5 जनवरी 2025 तक बंद करने का निर्देश जारी किया है। यह निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि जिले में ठंड का प्रभाव दिन-ब-दिन बढ़ रहा है और विशेष रूप से सुबह और शाम के समय तापमान में भारी गिरावट देखी जा रही है। इस दौरान जिला प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्कूलों के बंद रहने का निर्णय लिया है।शीतलहर के चलते लोग अपने-अपने घरों में दुबके हुए हैं, और ठंडी से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं। ठंडी हवाओं के कारण दिन का तापमान लगातार गिरता जा रहा है, और यह स्थिति बच्चों के लिए खासतौर पर जोखिमपूर्ण हो सकती है। ठंड के कारण बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे सर्दी, खांसी, बुखार, और अन्य श्वसन समस्याएं। इस स्थिति को देखते हुए, जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने भी अपने ताजा अपडेट में यह चेतावनी दी है कि अगले दो दिनों तक बिहार के 12 जिलों में मध्यम से घना कुहासा (कोहरा) देखने को मिल सकता है। यह स्थिति सड़क यातायात और आम जीवन को प्रभावित कर सकती है। खासकर सुबह और शाम के समय कोहरे के कारण दृश्यता में कमी हो सकती है, जो यात्रा के लिए खतरे का कारण बन सकती है। इस स्थिति में बच्चों और नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने स्कूलों को बंद करने का फैसला किया।दूसरी ओर, औरंगाबाद के जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने भी इस स्थिति को गंभीरता से लिया है और कक्षा 1 से 5 तक के स्कूलों को 8 जनवरी 2025 तक बंद रखने का आदेश जारी किया है। इस आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि कक्षा 5 और उससे ऊपर के बच्चों के लिए निजी और सरकारी स्कूल सुबह 10 बजे के बाद से संचालित होंगे। इसके अलावा, बच्चों को शाम 4 बजे से पहले छुट्टी दे दी जाएगी। यह व्यवस्था 4 जनवरी से लेकर 8 जनवरी तक लागू रहेगी, और प्रशासन का उद्देश्य बच्चों को ठंड से बचाना है, ताकि उनकी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। इसके साथ ही, आंगनवाड़ी केंद्रों को भी बंद रखने का आदेश दिया गया है। आंगनवाड़ी केंद्रों में छोटे बच्चों को पौष्टिक आहार और अन्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं, लेकिन इस समय बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन केंद्रों को भी बंद रखा जाएगा। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि बच्चों को ठंडी के प्रभाव से बचाया जा सके और उनका स्वास्थ्य ठीक रहे।औरंगाबाद जिले में शीतलहर के कारण जो स्थिति बनी है, उसमें अधिक ठंड और ठंडी हवाओं का प्रभाव महसूस हो रहा है। इस समय तापमान में गिरावट के कारण सर्दी का सामना करना और भी कठिन हो गया है। विशेष रूप से सुबह और शाम के समय ठंड अधिक महसूस हो रही है, जब तापमान सामान्य से बहुत नीचे चला जाता है। इस स्थिति में बच्चों का स्कूल जाना उनके स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता था, और इसलिये प्रशासन ने यह निर्णय लिया है।
जिले के लोगों ने इस ठंड के मौसम को काफी अनुभव किया है और वे ठंडी से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं। ठंड से बचाव के उपायों के रूप में लोग गर्म कपड़े पहन रहे हैं और अपने घरों में ही सुरक्षित रहने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, बच्चों के लिए यह स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो सकती है, क्योंकि उनका शरीर ठंड के प्रति अधिक संवेदनशील होता है। इसी कारण से, प्रशासन ने बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है।
इस निर्णय से यह स्पष्ट है कि जिला प्रशासन बच्चों के स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से ले रहा है। प्रशासन का यह कदम यह दर्शाता है कि जब भी मौसम की स्थिति बच्चों के लिए हानिकारक हो, तो प्रशासन त्वरित और उचित कदम उठाता है। बच्चों के हित में यह कदम एक सकारात्मक पहल है, जो उनके स्वास्थ्य और जीवन को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
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