औरंगाबाद। अंतरिम बजट के बहाने मोदी सरकार ने जनता को ‘‘चुनावी लॉलीपॉप’ थमाया है। यह बजट केवल सरकार के चहेते उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने वाला है जिसमें महंगाई और बेरोजगारी की ज्वलंत समस्याओं से निपटने का कोई खाका पेश नहीं किया गया है। यह बात राजद जिला प्रवक्ता डॉ रमेश यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहीं। उन्होने कहा कि आज के बजट से किसानों को काफी उम्मीद थी। उन्हें लग रहा था कि बजट में किसानों के लिए और घोषणाएं की जाएंगी, लेकिन बजट बहुत ही निराशाजनक है। सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन सरकार किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को भी तय नहीं कर पा रही है। यह सरकार किसानों के हितेषी न होकर पूंजीपतियों की हितेषी है और केवल उन्हीं के लिए काम करती है। सरकार का यह बजट बहुत ही निराशाजनक है।
औरंगाबाद राजद जिलाध्यक्ष अमरेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि केंद्र सरकार ने केवल पूंजी पतियों के लिए ही बजट पेश किया है और किसानों के लिए को घोषणा नहीं की है। यह सरकार केवल धर्म के नाम पर राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि जिस तरह अलग-अलग वर्गों के लिए काम किया जा रहा है। चाहे ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बात हो या आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ाने से जुड़े एलान हों या महिलाओं के विकास पर ध्यान। यह सभी काफी अहम क्षेत्र हैं। हम कह सकते हैं कि यह काफी विवेकपूर्ण बजट है, जो कि भारत के लिए मजबूत पथ की नींव रखता है। उन्होने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देशवासियों की उम्मीदों (बजट को लेकर) पर ठंडा पानी फेरा है। वह ज्ञान, गरीब, युवा और नारी की बात करती हैं लेकिन उन्होंने इन सबके लिए कुछ नहीं किया। यही इस सरकार की बदकिस्मती है कि पिछले 10 साल में जो वादे उनकी ओर से किए गए, सरकार खर्च चलाने के लिए कर्ज ले रही है। अगले साल यह चीज और बढ़ने वाली है। देश की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी और महंगाई है।
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