छात्रावास जर्जर होने से किराए पर रहने को मजबूर छात्र

रॉकी दूबे, ओबरा

ओबरा प्रखंड मुख्यालय में छात्रावास का निर्माण सरकार ने लाखों रुपए की लागत से अनुसूचित जाति के छात्रों को रहकर पढ़ाई करने के लिए किया था, परंतु विभागीय उदासीनता और रवैया के कारण यह खंडहर का रूप ले चुका है जिससे छात्रों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। यह छात्रावास लगभग 10 वर्षों से बंद पड़ा है। छात्रावास का भवन भी पूर्ण रूप से जर्जर हो चुका है। जिससे इसका अस्तित्व भी धीरे- धीरे मिटने के कगार पर है। छात्रावास के चारों और जंगल-झाड़ उग चुके हैं और कचड़ों का अंबार लगा हुआ है। छात्रावास छात्रों की जगह विषैले जीव-जंतु व आवारा पशुओं का बसेरा बन गया है। भवन के चारों तरफ की दीवारें टूटने लगी है भवन कब गिर जाए कुछ कहा नही जा सकता। छात्रावास नहीं रहने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के अनुसूचित जाति के छात्र प्रखंड मुख्यालय में किराए पर मकान लेकर पढ़ने को विवश हैं जिससे उनका आर्थिक बोझ और भी बढ़ गई है।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*